

दिल्ली में यमुना नदी एक बार फिर खतरे के निशान को पार कर गई है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार हो रहे भारी जलप्रवाह ने जलस्तर को 207.48 मीटर तक पहुंचा दिया है। यह 1963 के बाद दर्ज तीसरा सबसे ऊंचा स्तर है। करीब 12,000 लोगों को अब तक निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र रिंग रोड, सिविल लाइंस, बेला रोड, सोनिया विहार और आसपास की बस्तियां हैं। मौजूदा हालात 1978 की ऐतिहासिक बाढ़ की याद दिला रहे हैं।
यातायात और जनजीवन अस्त-व्यस्त
रिंग रोड और आउटर रिंग रोड पर पानी भरने से मज़नू का टीला और सलीमगढ़ बाईपास के बीच यातायात प्रभावित हो गया है। निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार रोक दिए गए हैं और गीता कॉलोनी का मैदान भी डूब गया है। जैतपुर और सिविल लाइंस के कई बाजारों और कॉलोनियों में पानी घुस चुका है। बचाव दल कई इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं, खासकर झरोदा कलां और पश्चिमी दिल्ली में। मंगलवार रात मुंगेशपुर नाले में आई दरार से आसपास के इलाकों में कमर तक पानी भर गया।
हथिनीकुंड से रिकॉर्ड पानी छोड़ा गया
बुधवार को ऊपरी यमुना क्षेत्र में हुई भारी बारिश के बाद हथिनीकुंड बैराज से 1.6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो शाम तक बढ़कर 1.78 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया। सामान्य दिनों में यह प्रवाह 50,000 क्यूसेक से कम रहता है। जुलाई 2023 की बाढ़ के दौरान यह आंकड़ा 3.59 लाख क्यूसेक तक पहुंचा था।
राहत की उम्मीद
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले 3–4 दिनों में दिल्ली और एनसीआर में बारिश घटेगी। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी बारिश कम होने की संभावना है। ऐसे में यमुना का जलस्तर धीरे-धीरे घटेगा और हालात में सुधार हो सकता है।