

मुंबई में बीते चार दिनों से हर सुबह तेज बारिश हो रही है। मौसम की यह स्थिति इस हफ्ते के मध्य तक जारी रहने की संभावना है। गौरतलब है, 16 अगस्त की सुबह सांताक्रुज़ में 245 मिमी के साथ सीजन की सबसे भारी बारिश दर्ज हुई थी। लगातार तेज बारिश होने से शहर और उपनगर ठप पड़ गए हैं।
सड़कों पर जलभराव, रेल और सड़क यातायात बाधित
लगातार तेज बारिश से निचले इलाकों में जलभराव हो गया है। सड़कों पर पानी भरने से यातायात प्रभावित हुआ है और यात्रियों को जलमग्न रास्तों से होकर गुजरना पड़ रहा है। अंधेरे समय में दृश्यता(विजिबिलिटी) कम हे से दिक्कतें और बढ़ गईं। मुंबई में रेलवे ट्रैक भी पानी में डूबे हुए हैं, जिससे ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है।
मासिक औसत से ज्यादा बारिश, ज्वार ने बढ़ाई मुश्किलें
मुंबई में पिछले तीन दिनों में 400 मिमी से अधिक बारिश हो चुकी है और इस महीने का बारिश औसत कोटा 585 मिमी समय से पहले ही पूरा हो गया है। अब खगोलीय ऊँचे ज्वार (3–4 मीटर) की वजह से तटीय इलाकों की स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। शाम 7 बजे ऊँचा ज्वार और अगले दिन सुबह 9 बजे व शाम को फिर से ज्वार तट से टकराएगा। ऐसे में जमा हुआ पानी निकल नहीं पाएगा और बैक फ्लो से स्थिति और खराब होगी।
विदर्भ से गुजर रहा लो-प्रेशर सिस्टम, यात्रा के सभी साधन प्रभावित
रेल, सड़क और हवाई यात्रा सभी प्रभावित हो सकती हैं। लगातार बारिश और ऊँचे ज्वार के चलते आवाजाही बेहद मुश्किल होने वाली है। आने वाले दिनों में कठिनाई और बढ़ने की आशंका है। विदर्भ और आसपास का इलाका इस समय लो-प्रेशर एरिया से प्रभावित है। इसका साइक्लोनिक सर्कुलेशन अगले तीन दिनों में मराठवाड़ा, उत्तर मध्य महाराष्ट्र और गुजरात तक जाएगा। इसके चलते कोंकण क्षेत्र, खासकर मुंबई में मॉनसून काफी सक्रिय रहेगा।
पुणे और नासिक में भी भारी बारिश की संभावना
पश्चिमी घाट के पार बसे पुणे और नासिक में भी अगले दो दिन भारी बारिश के आसार हैं। मुंबई में बारिश का दौर और तेज होगा। हालांकि 22 अगस्त से मौसम में सुधार की संभावना है, लेकिन जलभराव और नदियों-झीलों के रिस्पॉन्स की वजह से स्थिति सामान्य होने में और समय लग सकता है।