

उत्तर आंध्र प्रदेश तट के पास बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम और पश्चिम-मध्य हिस्से में नया लो-प्रेशर एरिया बन गया है। इसके जल्दी ही डिप्रेशन (गहरा दबाव) बनने की संभावना है। कल 19 अगस्त को यह सिस्टम पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ते हुए दक्षिण ओडिशा और उत्तर आंध्र प्रदेश के तट को पार कर सकता है। इस दौरान देश के कई हिस्सों में मानसून की गतिविधि तेज होगी। महाराष्ट्र और गुजरात में स्थानीय बाढ़ और जलभराव की आशंका है।
विदर्भ में पुराना सिस्टम और मजबूत मानसूनी हवाएँ
विदर्भ के ऊपर बना पुराना लो-प्रेशर सिस्टम अब मानसूनी ट्रफ में मिल गया है, लेकिन इससे जुड़ा साइक्लोनिक सर्कुलेशन अभी भी बना हुआ है और महाराष्ट्र में भारी बारिश देगा। कोंकण तट पर मानसूनी हवाएँ और तेज हो गई हैं। गोवा से लेकर सूरत तक का तटवर्ती इलाका बारिश से बुरी तरह प्रभावित है। मुंबई में भी मूसलधार बारिश जारी है और अगले 3-4 दिन तक हालात गंभीर बने रहेंगे। रेल, सड़क और हवाई सेवाएँ बाधित होंगी और संचार व्यवस्था पर भी असर पड़ेगा।
विदर्भ और मराठवाड़ा में जोरदार बारिश
विदर्भ और मराठवाड़ा के जिलों में आज और कल भारी बारिश व गरज-चमक की गतिविधियाँ होंगी। पश्चिमी घाट के पार मध्य महाराष्ट्र भी इस दौर में जोरदार बारिश झेलेगा। पुणे, नासिक, जलगाँव, अहमदनगर, धुले, सांगली, सतारा, शोलापुर और कोल्हापुर में 19 से 21 अगस्त के बीच सीजन की सबसे भारी बारिश होने के आसार हैं।
कोंकण और मुंबई पर मानसून का प्रकोप
कोंकण तट जिसमें मुंबई भी शामिल है, पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश से जूझ रहा है। अगले 3-4 दिन बारिश से और राहत नहीं मिलेगी। रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग से लेकर ठाणे, पालघर और दहानू तक पूरे कोंकण क्षेत्र में 18 से 21 अगस्त के बीच बेहद भारी बारिश होगी। मौसम के हालात में सुधार के संकेत 22 अगस्त से मिल सकते हैं।