

उत्तर भारत के मैदानी भागों में इस सप्ताहांत भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना बन रही है। 6 जुलाई 2025 (रविवार) को वर्षा की तीव्रता अपने चरम पर होगी। हरियाणा, पंजाब के पूर्वी हिस्से, उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग तथा पूर्वोत्तर राजस्थान के क्षेत्रों में खराब मौसम का असर प्रमुखता से देखने को मिलेगा।
पश्चिमी विक्षोभ और मानसूनी ट्रफ का संयोग
इस खराब मौसम की मुख्य वजह पश्चिमी विक्षोभ और मानसूनी ट्रफ के बीच हो रही टकराव है। 6 जुलाई को उत्तर पंजाब और आसपास के इलाकों में एक चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) बनने की संभावना है, जो मानसून ट्रफ को उत्तर की ओर खींचेगा। इन दोनों प्रणालियों के संयुक्त प्रभाव से रविवार को व्यापक वर्षा और गरज-चमक के साथ खराब मौसम की स्थिति बनेगी। इसका असर अगले 48 घंटे तक बना रह सकता है।
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कहां-कहां होगी बारिश और कैसा रहेगा असर
हरियाणा में व्यापक बारिश और गरज-चमक के साथ तेज हवाओं की संभावना है। इसके बाद पंजाब के मालवा क्षेत्र और उसके तराई क्षेत्रों में भी बिखरी बारिश होगी। पूर्वोत्तर राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सटे हुए भागों में भी तीव्र मौसम गतिविधियाँ दर्ज की जाएंगी। इनमें तेज बारिश, बिजली गिरना, तेज हवाएँ और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है।
जलभराव और बाढ़ का खतरा
इस लंबे और तीव्र मौसम बदलाव से निचले इलाकों में जलभराव, स्थानीय बाढ़ और सड़कें डूबने जैसी स्थिति बन सकती है। जोखिम वाले प्रमुख स्थानों में पंजाब का पटियाला, लुधियाना, रोपड़, मोहाली, हरियाणा का चंडीगढ़, पंचकूला, करनाल, अंबाला, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, कैथल, जींद, झज्जर, पलवल औक दिल्ली/NCR का नोएडा, गाज़ियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद शामिल है। इसके साथ ही पूर्वोत्तर राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर, मेरठ, मथुरा, अलीगढ़, हापुड़, बुलंदशहर, जयपुर, अलवर, धौलपुर में बाढ़ का खतरा है।
इस सप्ताहांत उत्तर भारत के कई हिस्सों में तेज और व्यापक बारिश के साथ गंभीर मौसम देखने को मिलेगा। प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ जलभराव और बाढ़ की स्थिति बन सकती है।